
कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सफलता का मंत्र: सभी विषयों में 90 प्रतिशत से अधिक अंक कैसे प्राप्त करें?
कक्षा 12वीं की परीक्षा किसी भी छात्र के जीवन का एक ऐसा पड़ाव होती है, जो उसके भविष्य की दिशा तय करती है। जैसे ही विद्यार्थी 12वीं कक्षा में आते हैं, उनके मन में कई तरह के सवाल और डर घर करने लगते हैं। “क्या मैं अच्छे अंक ला पाऊँगा?”, “पाठ्यक्रम इतना बड़ा है, समय कम है, तैयारी कैसे होगी?”
अगर आप भी इन्हीं सवालों से जूझ रहे हैं और आपका सपना 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने का है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। 90 प्रतिशत का आँकड़ा छूना कोई जादू नहीं है, और न ही इसके लिए आपको दिन-रात एक करके अपनी नींद खराब करने की ज़रूरत है। इसके लिए ज़रूरत है एक सही रणनीति, अनुशासन और खुद पर भरोसे की।
1. पाठ्यक्रम और परीक्षा के स्वरूप को समझना (नींव मजबूत करें)
किसी भी युद्ध को जीतने के लिए सबसे पहले अपने प्रतिद्वंदी को समझना ज़रूरी होता है। बोर्ड परीक्षा भी एक तरह की चुनौती है। पढ़ाई शुरू करने से पहले, अपनी किताबों को खोलने से भी पहले, आपको अपने बोर्ड के पाठ्यक्रम (Syllabus) को गहराई से समझना होगा।
अक्सर छात्र यह गलती करते हैं कि वे पहले अध्याय से पढ़ना शुरू कर देते हैं बिना यह जाने कि कौन सा अध्याय कितना महत्वपूर्ण है।
- अंक-विभाजन योजना देखें: आपको पता होना चाहिए कि किस अध्याय से कितने अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे। जिन अध्यायों का महत्त्व (अंकों के हिसाब से) ज्यादा है, उन पर अपनी ऊर्जा पहले खर्च करें।
- हटाए गए अध्याय: कई बार बोर्ड कुछ अध्याय हटा देता है। अगर आप उन्हें पढ़ने में समय व्यर्थ करेंगे, तो यह समझदारी नहीं होगी। इसलिए, नए पाठ्यक्रम की जानकारी अपने पास रखें।
2. मुख्य पाठ्यपुस्तकों (NCERT) को ही अपना आधार बनाएं
आजकल बाजार में तरह-तरह की सहायक पुस्तकें और गाइड उपलब्ध हैं। छात्र अक्सर भ्रमित हो जाते हैं और ढेर सारी किताबें जमा कर लेते हैं। लेकिन, सच तो यह है कि सफलता का खजाना आपकी मुख्य पाठ्यपुस्तकों (विशेषकर NCERT) में छिपा है।
बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र तैयार करने वाले विशेषज्ञ मुख्य रूप से सरकारी पाठ्यपुस्तकों को ही आधार बनाते हैं।
- गहराई से पढ़ें: केवल ऊपर-ऊपर से पढ़ने से काम नहीं चलेगा। पाठ्यपुस्तक की एक-एक पंक्ति को ध्यान से पढ़ें।
- उदाहरणों को हल करें: गणित और विज्ञान जैसे विषयों में, अध्याय के बीच में दिए गए उदाहरण अक्सर परीक्षा में सीधे पूछ लिए जाते हैं।
3. एक व्यावहारिक समय-सारणी (Time Table) का निर्माण
बिना योजना के लक्ष्य तक पहुँचना असंभव है। लेकिन, योजना ऐसी होनी चाहिए जिसका पालन किया जा सके। जोश में आकर 14-15 घंटे पढ़ने की समय-सारणी न बनाएं, क्योंकि इसे दो दिन से ज्यादा निभाना मुश्किल होता है।
- संतुलन है ज़रूरी: अपनी दिनचर्या को इस तरह बाँटें कि उसमें पढ़ाई, आराम, खाना-पीना और थोड़ी कसरत के लिए भी समय हो।
- विषयों का बदलाव: पूरे दिन एक ही विषय न पढ़ें। इससे दिमाग थक जाता है और बोरियत होने लगती है। विषयों को बदलने से दिमाग तरोताजा रहता है।
- सुबह का समय: याद करने वाले विषयों (जैसे इतिहास, जीव विज्ञान या रसायन विज्ञान) को सुबह के समय पढ़ें, क्योंकि उस वक्त दिमाग शांत होता है।
4. स्वयं के संक्षिप्त नोट्स तैयार करें
दूसरों के बनाए नोट्स से पढ़ना आसान लग सकता है, लेकिन यह लंबे समय तक याद नहीं रहता। जब आप खुद पढ़कर अपने शब्दों में नोट्स बनाते हैं, तो आपका दिमाग उस जानकारी को बेहतर तरीके से ग्रहण करता है।
- लिखने की आदत: पढ़ते समय अपने पास एक कॉपी और पेन हमेशा रखें। मुख्य बिंदुओं, परिभाषाओं और सूत्रों को लिखते चलें।
- रंगीन पेन का प्रयोग: मुख्य शीर्षकों को अलग रंग से लिखें। इससे दोहराते समय आपकी नज़र सीधे मुख्य बातों पर जाएगी।
5. पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों को हल करना
यह 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने का ‘ब्रह्मास्त्र’ है। पिछले 5 से 10 वर्षों के प्रश्न-पत्रों को इकट्ठा करें और उन्हें हल करें।
- पैटर्न की समझ: पुराने प्रश्न-पत्र हल करने से आपको यह अंदाजा हो जाएगा कि बोर्ड किस तरह के सवाल पूछता है।
- समय प्रबंधन: घर पर घड़ी सामने रखकर 3 घंटे में पूरा पेपर हल करने का अभ्यास करें।
6. दोहराव (रिवीजन) की शक्ति को पहचानें
इंसानी दिमाग की फितरत है भूलना। आप आज जो पढ़ेंगे, एक हफ्ते बाद उसका 70 प्रतिशत हिस्सा भूल सकते हैं। इसे रोकने का एक ही तरीका है – बार-बार दोहराना।
- साप्ताहिक दोहराव: आपने सोमवार से शनिवार तक जो भी पढ़ा है, रविवार का दिन सिर्फ उसे दोहराने के लिए रखें।
- सोने से पहले: रात को सोने से पहले 15 मिनट निकालकर दिन भर में पढ़ी गई बातों को मन ही मन याद करें।
7. उत्तर लिखने की कला (प्रस्तुतीकरण)
ज्ञान होना एक बात है, और उसे कॉपी में सही तरीके से लिखना दूसरी बात। परीक्षक के पास आपकी कॉपी जाँचने के लिए बहुत कम समय होता है।
- साफ लिखावट: आपकी लिखावट ऐसी होनी चाहिए जिसे आसानी से पढ़ा जा सके।
- शीर्षक और उप-शीर्षक: लंबे उत्तरों को पैराग्राफ में लिखने के बजाय बिंदुओं (Points) में लिखें।
- रेखांकन: उत्तर में जो शब्द सबसे महत्वपूर्ण हैं, उनके नीचे पेंसिल से लाइन खींच दें।
8. स्वास्थ्य और एकाग्रता
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। परीक्षा के तनाव में खाना-पीना न छोड़ें। कम से कम 7 घंटे की नींद ज़रूरी है और सोशल मीडिया (फेसबुक, इंस्टाग्राम) से दूरी बनाकर रखें।
निष्कर्ष
कक्षा 12वीं में टॉप करना कोई असंभव कार्य नहीं है। यह सिर्फ आपकी इच्छाशक्ति और अनुशासन का खेल है। ऊपर बताए गए तरीकों को आज से ही अपनाना शुरू करें। कल का इंतज़ार न करें, क्योंकि कल कभी नहीं आता। अपनी मेहनत पर भरोसा रखें, सफलता आपके कदम चूमेगी।
शुभकामनाएं! आपकी मेहनत जरूर रंग लाएगी।



